जीवनपथ
जीवन वैसा ही होगा,
जैसा तुम चाहोगे |
बोये बीज बबूल के,
तो आम कहाँ से पायोगे ?
यदि मन में आशा, उत्साह हो,
जीवन खुशहाल होगा |
दुःख और निराशा से,
तन मन बेहाल होगा |
शामिल होकर दूसरों के गम में ,
सच्ची खुशी तुम पाओगे |
जीवन वैसा ही होगा,
जैसा तुम बनाओगे |
बेगाने भी हो जाये अपने,
यदि हँसकर गले लगाओगे |
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