Saturday, 9 July 2016

वह लड़की

वह लड़की, मेरे भीतर
अब भी जिन्दा है....
इठलाती,इतराती
बारिश मे भीगती
फूलों की खुशबू लेती
तितलियों को सहलाती
मनचाही ड्रेस पहनकर
दर्पण में अपना अक्स देखती
उड़ती फिरती रहती जैसे
मन से कोई परिंदा है ।।

इमली, आम के स्वाद लेती
चटखारे भरती ,उंगलिया चाटती
हर बात पर ठहाके लगाती
पानीपूरी ,चाट के मजे लेती
नैनो मे काजल लगाती
बालो पर गजरे सजाती
गम भुला कर खुशिया चुनती
उसकी ख्वाहिशें चुनिंदा हैं ।।

अल्हड़,शोख नदी सरीखी
मटकती,भटकती,खिलखिलाती
मिट्टी सी उसकी थाती
घुल जाती,मिट जाती
उम्मीदों के रेशमी धागों से
सपनों के ताने बाने बुनती
उसकी बुनावट पोशीदा है
नहीं अपने वजूद पर शर्मिंदा है ।।

Saturday, 2 July 2016

पीड़ा

दुनिया मे आकर भी न आ पाती
जीने से पहले ही मरने की सजा पाती
माँ की कोख मेे सिकुड़ती ,सकुचाती
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।
आशाये  पालती ,सपने संजोती
स्नेह लुटाती ,घर बसाती
अपना सब कुछ देकर ,
किसी के दिल का अरमान बन जाती।
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।
काँटे चुनती ,फूल बिछाती
सबकी राहे सुगम बनाती
अपना खून पसीना बहाकर ,
इस उपवन का सौरभ बन जाती ।
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।
शिक्षा पाती, सूझ बढाती ,
सपनों को साकार कर पाती
सफलता की  ऊँची उड़ान भर,
माता पिता का गौरव बन जाती ।
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।
हौसला देती ,प्रेरणा बनती
सृजन करती ,पोषिका बनती
अपनी मेहनत से धरा को
पुष्पित, पल्लवित कर जाती ।
बेटी काश तुम जन्म ले पाती ।।
मुस्कुराती,खिलखिलाती
खुशियों का गागर छलकाती
अपने सुन्दर कर्मो से ,
इस जहां को पावन कर जाती ।
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।
बेटी काश ,तुम जन्म ले पाती ।।