विषय - राखी
राखी है त्यौहार , भ्रात -बहन के नेह का ।
वसुधा के संस्कार , पूनम चाँद निहारता ।।
रहें हमेशा साथ , शाखें बंधी पेड़ से ।
रक्षाबंधन हाथ , भ्रात बहन को जोड़ता ।।
बहना दिया दुलार , रक्षा बंधन बाँध कर ।
खुशियाँ मिले अपार , मन में मिठास घोल कर ।।
आँगन रहे बहार , राखी पावन दिवस पर ।
रिमझिम पड़ी फुहार , मौसम भी हर्षित हुआ ।।
बहे नैन से नीर , छलके प्यार भाई का ।
बहना प्यारा वीर , भीगी आँखों देखती ।।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग ,छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment