Saturday, 1 August 2020

सोरठा ( राखी )

विधा - सोरठा
विषय - राखी

राखी है त्यौहार , भ्रात -बहन के नेह का ।
वसुधा के संस्कार , पूनम चाँद निहारता ।।

रहें हमेशा साथ , शाखें बंधी पेड़ से ।
रक्षाबंधन हाथ , भ्रात बहन को जोड़ता ।।

बहना दिया दुलार , रक्षा बंधन बाँध कर ।
खुशियाँ मिले अपार , मन में मिठास घोल कर ।।

आँगन रहे बहार , राखी पावन दिवस पर ।
रिमझिम पड़ी फुहार , मौसम भी हर्षित हुआ ।।

बहे नैन से नीर , छलके  प्यार भाई का ।
बहना प्यारा वीर , भीगी आँखों देखती ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग ,छत्तीसगढ़

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