Saturday, 1 August 2020

उषा / मुद्रा छंद ( चतुक्षरावृत्ति )

उषा / मुद्रा छंद
चतुक्षरावृत्ति  1221
1 जपूँ नाम । सुबह शाम ।।
नहीं काम । बिना राम ।।

2. सही राह । मिले चाह ।।
   सहे आह । हुआ वाह ।।

3. प्राण बोध । नहीं क्रोध ।।
    करें रोध । नहीं शोध ।।

4. हुई भूल । हृदय शूल ।।
     कटी रात । बनी बात ।।

5.  बजे गीत । यही रीत ।।
     हुई प्रीत । बने मीत ।।

6.   बड़े लोग । बढ़े रोग ।।
     निकल प्राण । मिले त्राण ।।

7. बढ़ी शान । घटी आन ।
     छली लोग । बड़े रोग ।।

स्वरचित  - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग ,छत्तीसगढ़

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