Friday, 5 October 2018

हसरतें

व्यक्तित्व  के आईने में ,
बेदाग तस्वीर होनी चाहिए ।
इच्छाशक्ति दृढ़ करे ,
ऐसी तदबीर होनी चाहिए ।
भाव चेहरे  पर  जो भी हों ,
दिल में पीर होनी चाहिए ।
लबों पे बोल मीठे हों  और ,
आँखों में नीर होनी चाहिए ।
आचरण में  खुलापन  हो पर ,
मर्यादा की जंजीर  होनी चाहिए ।
दिलों  में  जगह बना लें  ,
ऐसी  तकरीर होनी चाहिए ।
कोई भी न रहे वंचित सुख से,
खुशियाँ सबकी जागीर होनी चाहिए ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़

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