जीवन है एक परीक्षा , सबमें ईश्वर की इच्छा ..
साहस से सफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।
जहाँ झूठ वहाँ पाप है , जहाँ सूर्य वहाँ ताप ...
परिश्रमी , कर्मनिष्ठ का जग में बढ़े प्रताप ।
शुभ घड़ी की हो प्रतीक्षा , धर्म - कर्म की शिक्षा..
कुविचार विफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।
जहाँ चाह वहाँ राह है , जहाँ गुरु वहाँ ज्ञान..
मन की गहराई अथाह है , अपने को पहचान।
लेकर चलें शुभेच्छा , मनन कर गुरु की दीक्षा ...
जीवन में सफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।
वसुंधरा ने गर्भ में बहुमूल्य रत्न छिपाया ..
सागर की गहराई में जो उतरा मोती पाया ।
प्रयासों की हो समीक्षा , कर्मों की हो परीक्षा..
जीवन मंगल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।
स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़
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