Tuesday, 26 February 2019

परीक्षा और हम

जीवन है एक परीक्षा , सबमें  ईश्वर की इच्छा ..
साहस से सफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।

जहाँ झूठ वहाँ पाप है , जहाँ सूर्य वहाँ ताप ...
परिश्रमी , कर्मनिष्ठ  का जग में बढ़े प्रताप ।
शुभ घड़ी की हो प्रतीक्षा , धर्म - कर्म की शिक्षा..
कुविचार विफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।

जहाँ चाह वहाँ राह है , जहाँ गुरु वहाँ ज्ञान..
मन की गहराई अथाह है , अपने को पहचान।
लेकर चलें  शुभेच्छा , मनन कर गुरु की दीक्षा ...
जीवन में सफल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।

वसुंधरा  ने गर्भ में  बहुमूल्य  रत्न  छिपाया ..
सागर की गहराई में जो उतरा मोती  पाया ।
प्रयासों की हो समीक्षा , कर्मों की हो परीक्षा..
जीवन मंगल होवे , सरसिज सा मन होवे ।।

स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़

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