Wednesday, 4 December 2019

ग़ज़ल

प्रीत में बंधकर मन हुआ आजाद है ,
यादों से तेरी दिल का चमन आबाद है ।

प्यार की ताकत है त्याग और समर्पण ,
भव्य बना ताज क्योंकि इश्क की बुनियाद है ।

जीना नहीं सिर्फ दिल का धड़कते रहना ,
उम्रदराज़ करती प्रियतम की याद है ।

खुशियों से आबाद रहे सदा तेरा चमन ,
मेरे दिल से निकलती बस यही फरियाद है ।

तूफानों के आगे न झुकेगी ' दीक्षा ' ,
इश्क में इरादे हो जाते फौलाद हैं ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़


No comments:

Post a Comment