दिल से दिल के मिलन की शुभेच्छा करें ।।
हो सका ना मिलन इस जनम में अगर ।
हम अगले जनम की प्रतीक्षा करें ।।
बातें क्या थीं जो दरमियाँ आ गई ।
कारणों की चलो हम समीक्षा करें ।।
प्यार की परख को और क्या चाहिए ।
धैर्य की आज अपनी परीक्षा करें ।।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीस
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