Monday, 5 March 2018

आगे हे मड़ई तिहार

आगे  हे मड़ई तिहार

माघी पुन्नी ह आगे ,
दुरिहा होगे मुंधियार ।
सगा मन  जम्मो जुरियागे ,
आगे हे मड़ई तिहार ।
किसिम किसिम के खाई खाबो ,
रहिचुली , झूला के मन्जा उडाबो ।
ओनहा पहिरबो आनी बानी ,
बरा सोंहारी सब्बो ल खवाबो ।
नाचा के घलो परे हे गोहार ।।
आगे हे मड़ई तिहार ।।
घरों घर आहि पहुना ,
फूफू , बहिनी , भाटो हि ,
लीपाय पोताय अंगना  ,
दवारि म चउक पुराही  ।
करहु सबला जोहार ।।
आगे हे मड़ई तिहार ।।
हमन्  हन चिक्कन खवइया ,
जिमीकांदा , इडहर ममहाही ।
ठेठरी खुरमी  खाजा पीडिया ,
बबरा अनरसा दाई बनाही ।
लाई बरी पापड़ अउ अचार ।।
आगे हे मड़ई तिहार ।।

स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़

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