Sunday, 4 March 2018

प्रकृति के उपहार

प्रकृति ने दिये कई अनमोल उपहार ,
ताकि जीवन का मूल्य समझ सकें हम ।
खूबसूरत हरी - भरी  वादियों को देख ,
अनुपम  आभा रुचिर बटोर लें हम ।
उषाकाल में पंछियों की कलरव सुन ,
खुशियों  को महसूस करना सीख लें हम ।
खिलखिलाते फूलों  की क्यारियों  से ,
होठों पे मुस्कुराहट संजो लें हम ।
स्वच्छंद  , विस्तृत व्योम को निहार के ,
मन के परिंदे को उड़ान दे सकें हम ।
नदियों के कल कल प्रवाह को छूकर ,
जीवन की तरलता को महसूस करें हम ।
भानु की उष्णता को अंगीकार कर ,
व्यक्तित्व की प्रखरता को बढ़ाएं हम ।
अनिल की बहाव  के संग - संग चल ,
जीवन के उतार - चढ़ाव को पार करें हम ।
शशि की  शीतलता  को अंजुरी में भर ,
तन की अतृप्त प्यास दूर करें हम ।
वसुंधरा के गर्भ में छिपे रत्नों की तरह ,
सद्गुणों को आत्मसात कर लें हम ।
ईश्वर प्रदत्त इन अमूल्य उपहारों को ,
भविष्य के लिए सहेजते चले हम ।।

स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग  , छत्तीसगढ़🌲🌲

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