जम्मो झन सहर भगागे ,
गांव ह सुनसान होगे ,
इहचो नवा बिहान होगे ।।
गाय गरू ह नन्दागे ,
खेत - खार बेचागे ,
बिपत म किसान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
धुर्रा अउ धुनगिया ह ,
जम्मो डहर पोतागे ,
मनखे ह हलाकान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
गाड़ी के भरर भरर ,
डीजे बजइ हर सान होगे ,
जम्मो झन के कान बोजागे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
अपने अपन हाँसथ हे ,
संगी साथी ला भुलागे ,
मोबाईल हर भगवान होगे ।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
मिठलबरा बन के ,
अपने सगा ल ठगे
काबर तैं बइमान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़
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