Saturday, 17 March 2018

नवा बिहान होगे

जम्मो झन सहर भगागे ,
गांव  ह सुनसान होगे  ,
इहचो नवा बिहान होगे  ।।
गाय गरू  ह नन्दागे ,
खेत - खार बेचागे  ,
बिपत म किसान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
धुर्रा अउ धुनगिया  ह ,
जम्मो डहर पोतागे  ,
मनखे ह  हलाकान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
गाड़ी के भरर भरर ,
डीजे बजइ हर सान होगे  ,
जम्मो झन  के कान बोजागे  ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
अपने अपन हाँसथ हे ,
संगी साथी ला भुलागे  ,
मोबाईल हर भगवान होगे ।
इहचो नवा बिहान होगे ।।
मिठलबरा बन के ,
अपने  सगा  ल ठगे
काबर तैं बइमान होगे ।।
इहचो नवा बिहान होगे ।।

स्वरचित -- डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़

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