जीवन के समंदर में नाव सा # पिता ,
संघर्षों के तेज धूप में छांव सा पिता ।
सूखी धरती में बरसी बारिश सी # माँ ,
मौत को देख जी लेने की ख्वाहिश सी माँ ।
दृढ़ निश्चयी पहाड़ सा अटल रहा # बेटा ,
परिवार का आधार बना संबल देता बेटा ।
नदियों सी पावन निश्छल बहाव # बेटी ,
दो कुलों के स्वाभिमान का खूबसूरत पड़ाव बेटी ।
सूरज की रोशनी चाँदनी की शीतल फुहार ,
अपनेपन ,प्यार से समृद्ध खुशहाल # परिवार ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
No comments:
Post a Comment