वेद और उपनिषद की बातें सबने मानी है ।
शूरवीर , योद्धाओंने इस धरती पर जन्म लिया ,
राष्ट्र की खातिर मृत्यु का हँसकर वरण किया ।
बैरियों को सबक सिखाने की मन में ठानी है ।
यहाँ अतिथि को देवतुल्य माना जाता है ,
सारा संसार ही अपना कुटुंब कहलाता है ।
घर - घर पढ़ी जाती रामायण की कहानी है ।
वचन निभाने को राम ने राज सुख छोड़ा ,
धरा की ओर भगीरथ ने गंगा का रुख मोड़ा ।
लोकहित के लिए दधीचि ने दी कुर्बानी है ।
राजधर्म को अहिल्या ने बखूबी सम्भाला ,
दुर्गावती ने शौर्य से दुश्मन को निकाला ।
अंग्रेजों के छक्के छुड़ाती झाँसी की रानी है ।
गौतम बुद्ध ने विश्व को शांति का संदेश दिया ,
गुरुओं ने स्नेह और सौहाद्र का उपदेश दिया ।
गली - गली में गूँजती दादू , कबीर की बानी है ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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