पंचायती राज आने से गाँवों का विकास होगा , यही सोचकर गाँधी जी ने इसकी वकालत की थी । उनके विचारों का अनुसरण करके इसे लागू कराया गया । ग्राम - पंचायतों के चुनाव हुए और जन प्रतिनिधि चुनकर आ गये । जनता बेहाल है , बिना कमीशन दिये किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता । अलबत्ता सरपंच का घर दो मंजिला हो गया है , दो - तीन बड़ी गाड़ियाँ भी खरीद ली है । सचमुच अब गाँवों में भी विकास दिखने लगा है ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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