बस्ता फेंक मुन्नी चिल्लाई ....
छुट्टियाँ आईं ।
करेंगे धमाल सब बहन भाई...
छुट्टियाँ आईं ।
बन्द हुआ स्कूल ,बन्द हुई पढ़ाई...
छुट्टियाँ आई ।
खाओ जमकर आइसक्रीम ,कुल्फी मलाई...
छुट्टियाँ आईं ।
बड़ों की हिदायत सुनना भाई .....
छुट्टियाँ आईं ।
खेलो मिलकर , न करो लड़ाई....
छुट्टियाँ आईं ।
मस्ती करो पर लू से बचना भाई....
छुट्टियाँ आईं ।
कुछ नया सीखने का अवसर लाई....
छुट्टियाँ आईं ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़☺️☺️
आसमान में उड़ते बादलों की तरह भाव मेरे मन में उमड़ते -घुमड़ते रहते हैं , मैं प्यासी धरा की तरह बेचैन रहती हूँ जब तक उन्हें पन्नों में उतार न लूँ !
Thursday, 12 October 2017
छुट्टियाँ आई ( बाल - गीत )
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