उम्मीद....
किसी सूखे पेड़ पर
उगी हुई नन्हीं सी कोंपल ,
मृत्यु शय्या पर पड़े रोगी को
कुछ और पल मिल जाने की आस ।
उम्मीद....
भूखे को रोटी ,
प्यासे को पानी की
अनाथ को आसरे की
पीड़ित को न्याय का विश्वास ।
उम्मीद....
विद्यार्थी को सफलता की
बेरोजगार को नौकरी की
भटके हुए को लक्ष्य की तलाश ।
उम्मीद....
रोगी की दवा
बुजुर्ग की दुआ
जीने की चाह खुद पर विश्वास ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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