Wednesday, 24 July 2019

पहला खत

वो पहला खत ...
था बहुत खास ।
किया था जिसमें ,
प्यार का इज़हार ।
मुश्किल बहुत था
लफ़्ज़ों को चुनना  ।
ख्वाहिशों के रेशे ,
एहसासों  से बुनना ।
लिखना , मिटाना ,
फाड़कर फिर लिखना ।
उसे जेहन में रख ,
चूमा था खत कई बार ।
प्रेम की स्याही से ,
घर की दीवारें रंगना ।
लफ़्ज़ों में उसका ,
चेहरा नजर आना ।
ख्यालों से उसके ,
फिजां महक जाना ।
सन्देशा पहुँचाने को ,
था दिल बेकरार ।
उसका मुड़कर देखना ,
देख कर मुस्कुराना ।
चाहतों का जादू ,
दिल पर छा जाना ।
निगाहों निगाहों में ,
किया था इकरार ।

*** डॉ. दीक्षा चौबे

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