शादी की बात चलने पर राजन पहली बार माही से मिलने गया था । एक रेस्टोरेंट में कॉफी के साथ उनकी बातचीत की शुरुआत हुई । राजन माही के शुद्व हिंदी , स्पष्ट उच्चारण से प्रभावित हुआ था । दरअसल माही ने हिंदी में एम. ए. किया था , साथ ही वह पत्रिकाओं में आलेख लिखती थी तो उसकी कोशिश रहती कि अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग कम करे । उसका यही गुण राजन को भा गया और उसने तुरंत शादी के लिए हाँ कह कर दी थी । उसका परिवार बहुत आश्चर्य चकित था क्योंकि इसके पहले राजन को कोई लड़की पसन्द ही नहीं आती थी । सीधी - सादी सी माही पता नहीं कैसे राजन को भा गई , इसकी वजह सभी जानना चाहते थे । उसने कहा - " दरअसल अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव ही सबसे बड़ा कारण है , क्योंकि वही तो संस्कारों की जननी है । बाकी और क्या जानना है , लड़कियाँ तो सभी एक जैसी होती हैं । महज उनके संस्कार ही उन्हें परिभाषित करते हैं ।" उसके जवाब ने सबको लाजवाब कर दिया था ।
आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं । 🙏 ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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