जागो हे भारत की बेटियों ,
आत्म विश्वास का वरण करो ।
दबना नहीं डरना किसी से ,
लज्जा ,संकोच का हरण करो ।
कमजोर बनाते जो तुमको ,
रूढ़ियों से मुक्त बंधन करो ।
बुरी नजर जो डाले तुम पर ,
दुष्ट दानवों का दमन करो ।
कुचल डालो विषधर का फन ,
अत्याचारियों का शमन करो ।
उड़ो हौसलों के पर लेकर ,
लक्ष्य को विस्तृत गगन करो ।
शिक्षा की उजास जीवन में ,
भर लो साहस को नमन करो ।
धैर्य शक्ति की मिसाल बनना ,
सरस्वती सा आचरण करो ।
रौद्र रूप काली का धरकर ,
अन्यायी का संहरण करो ।
ज्ञान - विज्ञान की वेदी पर ,
अज्ञानता का हवन करो ।
अपने अधिकारों की खातिर ,
जुल्मों से युद्ध आमरण करो ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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