Monday, 9 September 2019

सौदा ( लघुकथा )

"अरे स्वाति तुम यहाँ  ! तुम इतनी छोटी नौकरी कर रही हो , मुझे विश्वास नहीं हो रहा । तुम्हारे जैसी टैलेंटेड मॉडल को  बहुत ऊपर जाना था । मैं तुम्हें यहाँ देखकर हतप्रभ हूँ " ,  कई  वर्षों पश्चात मुलाकात  होने पर श्वेता ने अपनी  सहेली स्वाति से पूछा । कॉलेज के जमाने में ही खूबसूरत स्वाति को मॉडलिंग के कई ऑफर आ चुके थे ।'
" श्वेता मैं इस छोटी नौकरी के साथ भी बहुत खुश हूँ , क्योंकि आसमान में उड़ने के लिए मैं अपनी इज्जत के साथ #सौदा नहीं कर सकती ।" श्वेता ने आज स्वाति के आंतरिक सौंदर्य के दर्शन किये थे , स्वाति के लिए उसके मन में अब स्नेह के साथ श्रद्धा के भाव जागृत हो गये थे ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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