वे अपनी जान देश पर कुर्बान कर गये ।
धन्य हैं वे माँएँ जिनने इन्हें जन्म दिया ,
देश के नाम वे जिस्मो- जान कर गये ।
देश की रक्षा का वादा माँ से किया था ,
शहीद होकर वर्दी का सम्मान कर गये ।
तिरंगे झंडे में लिपटकर ही लौटे वे ,
लहू से माँ भारती का गुणगान कर गये ।
याद कर उनको न अश्रु बहाना " दीक्षा ",
वीरता को वे अपनी पहचान कर गये ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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