Sunday, 16 February 2020

मेरे खयालों में रहने लगे

प्रीत सितारों से हो गई है , 
नजारे भी अपने लगने लगे ।
दिल में बस गई सूरत  तेरी  ,
 मेरे खयालों में रहने लगे ।।

जिंदगी हसीन लगने लगी ,
 ख़्वाब आँखों में सजने लगे ।
दुनिया नई सी लगने लगी  ,
सतरंगी सपने पलने लगे ।।

उमंगों भरी उड़ान है मेरी , 
सपनों के पर लगने लगे ।
भूलने लगी खुद को मैं , 
 आँखों में तुम दिखने लगे ।।

खुशियों से भीगा सारा बदन , 
कानों में संगीत बजने लगे  ।
महका हुआ लगा ये चमन , 
फूल भी संग- संग हँसने लगे ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़






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