Tuesday, 17 March 2020

बेबस किसान

बेबस किसान
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बीमारी , गरीबी और बेबसी का मारा है ,
किसान आज खराब मौसम  से हारा है ।

सिर पर हाथ रखकर अम्बर को ताके ,
घूम - घूम कर बरस रहा बादल आवारा है ।

बेमौसम बरसात  में बर्बाद  हुई फसल  ,
विपदा के इस पल में प्रभु तेरा सहारा है ।

नेता अपनी जेब भरें , क्रूर हुए व्यापारी ,
जय जवान  किसान केवल एक नारा है ।

जरूरतमंद को नहीं मिलती कोई मदद ,
भूख से या  खुदकुशी से मरता बेचारा है ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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