जीवन में संगीत के मायने
जिस प्रकार शरीर बिना प्राण के व्यर्थ है , उसी प्रकार संगीत के बिना जीवन अधूरा है । संगीत के बिना जिंदगी बेरंग हो जायेगी । एक थकाहारा इंसान जब घर आकर संगीत के आगोश में खो जाता है तो अपनी थकान , तनाव , चिंता सब भूल जाता है । संगीत हमें जीने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है । जीने का उत्साह और उमंग जगाता है । संगीत में इतनी ताकत है कि बेजान शरीर में जान फूंक दे इसलिए बहुत सी बीमारियों के इलाज के लिए मधुर संगीत भरा वातावरण बनाया जाता है । आँखें बंद कर कुछ पल संगीत सुनकर बोझिल दिमाग को शांति मिल जाती है , परीक्षार्थी के सिर से परीक्षा का तनाव चला जाता है । मुश्किलों भरी सुनसान राहों का सफर संगीत के संग आसान हो जाता है । ध्यान लगाने के लिए भी संगीत एक बड़ा व महत्वपूर्ण माध्यम है । संगीत में सम्मोहन का गुण होता है जो इंसान को अपना वर्तमान भुला देता है । इंसान तो इंसान यह जानवरों को भी अपने वश में कर लेता है । उत्सवों , पर्वों , त्योहारों का रंग संगीत के बिना फीका है । भारतीय संस्कृति में संगीत रचा - बसा है । खेतों में काम करते स्त्री पुरूष जब लोकगीतों की तान छेड़ते हैं तो प्रकृति भी पुलकित हो उठती है , परम्पराओ और पर्वों के लोक संगीत सबके मन को तरंगित कर देते हैं । हाथों में रंग - अबीर लिए हुरियारे जब नगाड़े पर थाप लगाते हैं तो पैर थिरक उठते हैं और दिलों की धड़कन तेज हो जाती है । ढोलक की मधुर पुकार दुल्हन के कपोलों पर लाज की गुलाल फैला जाती है तो युवा दिलों में सुखद भविष्य की उमंगें छलका जाती हैं । प्रत्येक प्रान्त की अपनी संस्कृति और विशेष संगीत व परम्पराएं हैं ,भारत विविधताओं का देश है । इसके कोने - कोने में मधुर संगीत लहरियों की कई दास्तानें हैं जो इसे विशिष्ट और अन्य देशों से भिन्न बनाता है । सबके अपने साज और आवाज हैं , इतिहास के धरोहर , घराने हैं । संगीत मनुष्य के व्यक्तित्व की चरम अभिव्यक्ति है , सुकूनभरी साँस है और जीवन में खुशियों की रंगीन फुहार है । आइये जिंदगी के मधुर संगीत में सराबोर हो जायें ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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