पदांत - है
मात्रा भार - 15
मात्रा पतन - *
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
शबनम नहीं यह शोला है
प्रेम एक आग का गोला है
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मन मिले तो रूप - रंग क्या
झूठा यह* तन का चोला है
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नेकी पर दुनिया यह टिकी
सन्मार्ग से क्यों डोला है
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खुशी कहीं है गम कहीं पर
जीवन तो एक हिंडोला है
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दिल में प्रिय की मूरत बसी
आँखों ने राज खोला है
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स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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