समाज की बुनावट रिश्तों के ताने - बाने से हुई है...इसमें विविध रिश्तों का अपना ही महत्व है और उन रिश्तों में सबसे प्यारा व खूबसूरत है बहन का होना...बहन चाहे वह भाइयों की लाडली हो या बहन की..अत्यंत अनमोल है.. ईश्वरीय वरदान है । कोई समस्या सुलझाना हो...कोई बात जो मन को परेशान कर रही है और उसे हमें शेयर करना हो..बहन सबसे विश्वसनीय होती है । हमारे यहाँ सभी रीति - रिवाजों में बहन की उपस्थिति को बहुत महत्व दिया गया है , उसके आये बिना कोई भी संस्कार , उत्सव पूरा नहीं होता । रक्षाबन्धन , भाईदूज उनके बिना अधूरे हैं ...बहनें अपने भाइयों की खुशी के लिए सदैव प्रार्थना करती हैं.. ससुराल में भी उनका दिल भाइयों की शुभेच्छा करता रहता है । भाई अगर दुःखी हो तो वह खुश नहीं रह पाती । विवाह के पश्चात उसका आना घर - आँगन को खुशियों व रौनक से भर देता है । माता - पिता के दिल को वह ठंडक पहुँचाती
है.. भाई व बहन का सम्बल बन जाती है । दीदी आ गई
अब मैं निश्चिंत हूँ ये एहसास मन में जाग उठते हैं । बहनों के बीच की बॉन्डिंग देखते ही बनती है... वे सिर्फ कपड़े की ही शेयरिग नहीं करती बल्कि भावों की , एहसासों की शेयरिंग करती हैं ...एक - दूसरे पर विश्वास करती हैं , बड़े से बड़ा काम वे मिलजुलकर निपटा लेती हैं....मन की सारी बातें एक - दूसरे के सामने खुलकर कह पाती हैं..
उनके बीच कोई मतभेद नहीं होता...एक बार भाई अपना फर्ज पूरा करने में चूक जाते हैं पर बहनें कभी नहीं चूकतीं । मुसीबत में वे एक - दूसरे का सहारा बनकर खड़ी हो जाती हैं । अगर किसी परिवार में सिर्फ बेटियाँ हैं तो वे अपने माता - पिता का पूरा ख्याल रखती हैं... विवाह के पश्चात भी..और दामाद भी आजकल सकारात्मक भूमिका निभाते हैं । आधुनिकता के रंग में रंगकर , स्वार्थों के वशीभूत होकर इन रिश्तों में कडुवाहट को स्थान न दें । परम्पराओं को भाई- बहन के प्रेम को बढ़ाने के लिए बनाया गया है... इसे बोझ न समझें । भाई व बहन दोनों को अपने व्यवहार में लचीलापन लाना होगा... इस रिश्ते की पवित्रता को बरकरार रखने के लिए स्वार्थों के दायरे से बाहर आना होगा... एक - दूसरे के प्रति अपेक्षाएं कम करनी होगी । बहन का होना एक खूबसूरत उपलब्धि है... यह व्यक्तित्व के अधूरेपन को पूरा करता है , जीवन को खुशनुमा रंगों से सराबोर करता है । बहन का प्यार मिलना हमारी खुशकिस्मती है..बहन एक अनमोल व प्यारा रिश्ता है ..खूशबू के झोंके की तरह यह हमारे जीवन को खुशियों से भर देता है.... इस रिश्ते की कद्र करें , इस बन्धन को संजोकर रखें ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़
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