आसमान में उड़ते बादलों की तरह भाव मेरे मन में उमड़ते -घुमड़ते रहते हैं , मैं प्यासी धरा की तरह बेचैन रहती हूँ जब तक उन्हें पन्नों में उतार न लूँ !
Monday, 28 May 2018
निशा
चाँदनी चूनर ओढ़े...
सितारे जड़े आभूषण....
मद्धिम -मद्धिम
पिया मिलन को
चली दुल्हन...
जीवों ने साध लिया मौन
शीतल हुई पवन...
फूलों ने शृंगार किया ,
महका महका चमन....
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