Saturday, 6 April 2019

# नव वर्ष की नई सुबह #

नव वर्ष की नई सुबह #

कूक उठी कोयल
आम भी बौराये....
लद गई शाखें फूलों से
सबके मन हर्षाये...

फसलें पककर घर आईं
मेहनतकश मुस्काये...
शस्य स्यामला धरा के
आगे  अपना शीश नवाये...

धूप बत्ती की पावन गन्ध
घर - आँगन  को महकाये....
सुवासित हुआ तन - मन
मिटी मन की आशंकाएँ...

नई उमंगें  , नई चाह
राहें  सरल बनायें...
परिश्रम व दृढ़ विश्वास
लक्ष्य  तक पहुंचाएं...

नव वर्ष की नई सुबह
लेकर कई खुशियाँ आये....
सुख - समृद्धि बनी रहे
दूर  हों सब बाधाएँ ....

आप सभी को चैत्र प्रतिपदा नव वर्ष की शुभकामनाएं

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे , दुर्ग , छत्तीसगढ़

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