सुकोमला,सुलक्षणा, अलंकृता ,
पोषिका, वन्दनीया , शिक्षिता ,
देश रहे सदा उस माँ का आभारी ।।
उसकी देखरेख में सबल परिवार ,
देती ज्ञान - विज्ञान का आधार ।
सिखाती - पढ़ाती अपने बच्चों को ..
बनाती सुयोग्य , सुशिक्षित ,सुसंस्कारी ।।
बेटा - बेटी हैं एक समान ,
भेद न कोई उनमें मान ,
परन्तु बेटी की शिक्षा बने...
निश्चित ही दो परिवारों के लिए हितकारी ।।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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