विष्णुप्रिया तुलसी मनभावन ,
करती पावन घर - आँगन ।
शाखित , विस्तृत, मंजरी शोभित ,
नित्य दीप प्रज्वलित करूँ पूजन ।
रोगनाशिनी तू पापनाशिनी ,
स्वच्छ कर दे पूरा वातावरण ।
धूप , दीप , पुष्प अर्पित कर,
विधि - विधान से करूँ अर्चन ।
सुख - सौभाग्य देना मुझे माता ,
सद्भाव , सुविचार ले करूँ नमन ।
करो कृपा यही मेरी आराधना ,
श्याम संग देती रहो मुझे दर्शन ।
वृन्दा - विष्णु की भक्ति पाकर ,
पुलकित हो गया मेरा अंतर्मन ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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