Friday, 1 November 2019

लौह पुरूष ( मुक्तक )

राष्ट्र के नव निर्माण में अपना योगदान दिया ,
फौलादी इरादों से देश को  पहचान दिया ।
कमजोर न होने दिया  एकता के सूत्रों को .
लौह पुरूष  बन कर  जन कल्याण किया ।।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

No comments:

Post a Comment