Sunday, 3 November 2019

छठ पर्व

जय हो जय छठी  मैया  आये हम तेरे द्वार ।
दीर्घायु सुत पाने को माँ  कर रहे तेरी पुकार ।
उदित सूर्य को अर्ध्य देकर व्रतारम्भ उषाकाल ,
विविध  फल- फूलों से भर लाई मैं अपनी थाल ।
माथे सिंदूर तिलक भाल पर मेहंदी सजे हाथ ,
मन श्रद्धा से भरा हुआ प्रार्थना को झुके माथ ।
कमर तक तालाब में डूबी हुई तप करती आज ,
तीन दिवस का कठिन व्रत पूरे करता सारे काज ।
भास्कर की सुनहरी किरणें जग में उजाला भर गईं ,
छठ माता का पूजन कर  सुतों की माताएँ तर गईं ।
हे मात ! मेरे सुहाग को सदा अमर बनाये रखना ,
मेरे परिवार को खुश रखना सुख - समृद्धि भरना ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़


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