Thursday, 28 November 2019

बेजुबान ( लघुकथा)

पायल बेजुबान सी पुलिस द्वारा उसके पति सुनील को पकड़कर ले जाते देख रही थी । उसके कोई प्रतिरोध न करने पर लोग हतप्रभ थे परंतु वह तब भी नहीं बोली थी जब उसकी मर्जी के बिना उसकी शादी कर दी गई । तब भी नहीं जब सुनील शराब पीकर उसे मारता - पीटता । जब जी चाहे घर आता जब जी चाहे कहीं चला जाता । तब भी कुछ नहीं कहा जब उसकी मर्जी के बगैर कई बार..... आज पहली बार अपने बेजुबान होने पर उसे अफसोस नहीं हो रहा था ।

स्वरचित -डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

No comments:

Post a Comment