Wednesday, 2 October 2019

एक मिनट की जिंदगी ( लघुकथा )

अभी - अभी स्वर्ग पहुँची रितेश की आत्मा से धर्मराज ने प्रश्न पूछा - " यदि तुम्हें एक मिनट की जिंदगी दी जायेगी तो तुम अपनी किस भूल को सुधारना चाहोगे ?" रितेश ने  एक गहरी सांस भरते हुए उत्तर दिया - " उस पल जब मैंने सिग्नल रेड होते हुए देखकर भी अपनी बाइक दौड़ा दी थी और एक कार से टकरा गया था । मेरी  लापरवाही की वजह से उस कार वाले की भी मौत हो गई थी  और दो घरों के चिराग एक साथ बुझ गये थे । काश! मैं एक मिनट रुक गया होता तो यह दुर्घटना नहीं होती ।" पर अब पछतावा करके भी कुछ नहीं होना था ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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