युगों - युगों तक अमर रहेगा राखी का त्यौहार ,
पावन रहा है सुदृढ़ रहेगा भाई बहन का प्यार ,
ये दिल का बंधन है ऐसा , ये रक्षाबंधन है ऐसा ।
तीन रंगों से बनी ये राखी करती यही पुकार ,
मिट जाते हैं देश की खातिर करते इसे जो प्यार ,
दायित्वों का बंधन है ऐसा ,ये रक्षाबंधन है ऐसा ।
भाई को तिलक लगाकर , बहना बाँधे स्नेह के तार ,
दिल से यही दुआएं माँगे , जिये वो बरस हजार ,
स्नेह का दर्पण है ऐसा ,ये रक्षाबंधन है ऐसा ।
देखभाल , सम्मान दिलाता , लेता रक्षा का भार ,
उसके आँचल में हो खुशियाँ, सुखी रहे संसार ,
भाइयों का मन है ऐसा , ये रक्षाबंधन है ऐसा ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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