Wednesday, 7 August 2019

बारिश (बाल गीत )

सोनू की जब आँख खुली ,
आँगन देखी धुली - धुली ।
पत्ते भी लगते नहाये से ,
कलियाँ भी खुली- खुली।
आम के बीज से फूटे अंकुर ,
नन्हीं नन्हीं कोंपल निकली ।
शाखों की फुनगी हुई सुनहरी ,
पत्तियों से बूंदें फिसली ।
अरे ! ये सड़क किसने धोये ,
लगती कितनी चमकीली ।
बारिश के आने से देखो ,
दुनिया हुई उजली - उजली ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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