Wednesday, 7 August 2019

चलो आज

 चलो आज ...
बीती बातों को भूल जाते हैं ,
आज को जीते हैं ,
जी भर कर मुस्कुराते हैं ।

क्या होगा यह सोचकर कि
वो कह न पाये जो कहना था
वो सब कर न पाये जो करना था
क्यों इस बात पर वक्त गंवाते हैं ।
चलो आज बीती बातों को भूल जाते हैं ।

क्यों रोयें यह बोलकर कि
उसने मेरे बारे में ऐसा क्यों कहा
मेरी बातों को अनसुना कर दिया
क्यों दूसरों की बातों को दिल पे लगाते हैं ।
चलो आज बीती बातों को भूल जाते हैं ।

क्यों  सोचें  इस तरह कि
तुम्हें उसके जैसे ही करना है
बस  उसके पीछे ही पीछे चलना है
हम अपने लिए एक नई राह बनाते हैं ।
चलो आज बीती बातों को भूल जाते हैं।

क्या हो गया कि
एक प्यारा साथी छूट  गया
दिल से  जुड़ा  रिश्ता टूट गया
टूट जाने पर परिंदे नये  घोंसले बनाते हैं ।
चलो आज बीती बातों को भूल जाते हैं ।
आज को जीते हैं , जी भर मुस्कुराते हैं ।

स्वरचित   - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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