कान्हा तेरी रीत निराली
सहज प्रेम से आत्म ज्ञान तक ,
सीधी , सच्ची राह दिखा दी ।
कान्हा तेरी प्रीत निराली
भा गये गोपियों के माखन ,
सुदामा के चावल ने भूख मिटा दी।
कान्हा तेरी जीत निराली
अहंकार , मद - मोह के बंधन ,
अत्याचारियों से मुक्ति दिला दी ।
कान्हा तेरी नीति निराली
सबल न छीने हक निर्बल का ,
विरोधियों को धूल चटा दी ।
कान्हा तेरी दोस्ती निराली
बालसखा का मान बढ़ाया ,
सभा में द्रोपदी की लाज बचा ली ।
कान्हा तेरी विधि निराली ,
दुनिया को गीता - सन्देश दिया ,
अधर्म पर धर्म को जीत दिला दी ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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