Wednesday, 8 May 2019

माँ तुझे सलाम

माँ को ईश्वर ने धरती पर अपना प्रतिनिधि बना कर भेजा है क्योंकि वह हर जगह नहीं हो सकते ।  माँ के पैरों के नीचे जन्नत होती है । मुनव्वर राणा कहते हैं -
"मुझे खबर नहीं जन्नत बड़ी कि माँ लेकिन ,
लोग कहते हैं कि जन्नत बशर के नीचे है ।
मुझे कढ़े हुए तकिये की क्या जरूरत है ,
किसी का हाथ अभी मेरे सर के नीचे है ।"

   सिर पर माँ का हाथ होना खुशकिस्मती मानी जाती है ।  माँ के बिना घर का आँगन  सूना हो जाता है , माँ से संस्कार , रीति - रिवाज  और परम्पराएं हैं । माँ त्यौहारों की रौनक है । माँ रसोई से आती पकवानों की खुशबू है,
दमकते हुए सजे - सँवरे घर की रौनक है , पूजाघर से आती अगरबत्ती की पावन गंध है ,माँ गमले में खिले गुलाब की सुगंध है । बच्चे के लिए माँ हर दुःख दर्द सह लेती है , मौत से लड़कर उसे जन्म देती है ।  खुद भूखे रहकर उसे निवाला खिलाती है ,गीले में सोकर उसे सूखे में सुलाती है । एक फूँक से अपने बच्चे की चोट ठीक कर दर्द हरने वाली  चिकित्सक है , अपने आँचल को लपेटकर अपनी सांस से गर्म करके आँखों पर फाहा रखने वाली ठंडक है । माँ गीली पट्टी रखकर बुखार ठीक कर देती है , रातों को जागकर बच्चे को सुकून की नींद देती है । माँ पूरे परिवार की समस्याओं का निदान है.. माँ तू सिर्फ इंसान नहीं  भगवान है । तेरे सदको से हर बुरा साया घबराता है , माँ तेरे डर से यमराज भी थर्राता है । हर परेशानी से तू उबार लेती है , बचत करने के लिए अपनी ख्वाहिशों को मार लेती है । दर्द किसी को भी हो माँ रोती है , दुआओं से अपना दामन भिगोती है । माँ का कभी मत अपमान करो..उसे धन - दौलत कुछ नहीं चाहिए , सिर्फ सहयोग और सम्मान करो । माँ सदैव दुआओं में होती है , माँ के पैरों में जन्नत होती है ।
माँ तुझे  नमन 🙏🙏

डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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