Friday, 31 May 2019

देते वक्त ( लघुकथा )

मधु को अपने एक रिश्तेदार के विवाह की वर्षगांठ में जाना था । व्यस्तता के कारण वह उपहार खरीदने जा नहीं पाई थी । घर पर साड़ी और पेंट शर्ट का कपड़ा रखा हुआ था उसे ठीक लगा तो उसने वही दे दिया । बाद में उसे पता चला कि  शायद उन्हें वह कपड़ा पसंद नहीं आया था ..उन्हें इसके बारे में बात करते हुए उसने सुन लिया था ।
       वह उसकी  क्वालिटी  खराब होने की शिकायत कर रहे थे ..सुनकर मधु को हँसी आ गई थी क्योंकि वह भूल गये थे  कई वर्ष पहले  यही उपहार उन्होंने मधु को गृह - प्रवेश में  दिया था । देते वक्त शायद उन्होंने कपड़ों की  क्वालिटी नहीं  देखी  थी ।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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