प्रार्थना को हुए करबद्ध, शिव के लिये पुष्पहार ,
गले रुद्राक्ष की माला , तिलक केसरी भाल ।
आकर्षक व्यक्तित्व वृहद सोच - विचार ,
उन्नत माथा , चौड़ा सीना चलते शेर- सी चाल ।
सुनिश्चित कर विकास ,राष्ट्र को दिया संवार,
लोकतंत्र की रक्षा को संकल्पित हर हाल ।
गरिमामयी वस्त्र ,ओजस्वी वाणी से करे प्रहार,
मिला सम्मान भरपूर , विदेशों ने किया निहाल ।
जनता करती प्यार , भीतरघाती करते वार ,
संयमित होकर सहते सब , हृदय उनका विशाल।
योग , नियम , अनुशासन प्रिय बने रहे खुद्दार ,
देश का चौकीदार मोदी ,बना भारत माँ का लाल ।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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