मुक्तक###❤️❤️
प्यार है तुमसे ये इकरार करते हैं ,
फिक्र है तुम्हारी इजहार करते हैं ।
तुम्हारे बिना जीना नहीं है हमको_
तुम पर अपनी जान निसार करते हैं ।।
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दो सितारों का मिलन जमीं पर हो रहा है ,
प्रेम बीज का अंकुरण नमी पर हो रहा है ।
उगने और लहलहाने दो इस बिरवे को _
इश्क से गुलज़ार चमन यहीं पर हो रहा है ।।
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स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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