Monday, 25 May 2020

मुक्तक


मुश्किलों में साथ निभाना ,
मझधार में छोड़ न जाना ।
डगमग डोले जीवन  नैया_
सनम  तुम ही पार लगाना ।।

स्वरचित - डॉ.  दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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