मुक्तक सृजन
विषय - नेह - संवाद
तिथि - 18 सितंबर
वार - बुधवार
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कम्पित अधरों पर स्मित हास ,
दिल में जगी है प्रेम - प्यास ।
लज्जित नैन करें नेह - संवाद _
बढ़ने लगी मिलन की आस ।।
स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़
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