Sunday, 19 July 2020

मुक्तक

माँ🙏🙏
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जब - जब किसी ने  मंदिर की घण्टी बजाई है ,
साँझ ढले जब तुलसी  की आरती सजाई  है ।
आँचल के साये में झिलमिल तेरी सूरत माँ_
रुँधे कंठ , तेरी याद में  आँख भर आईं  है ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे🌹
दुर्ग , छत्तीसगढ़

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