Wednesday, 29 July 2020

बेटी पर दोहे

दोहे
विषय - बेटी

बेटी पढ़ती है  यहाँ , जीवन रुपी किताब ।
मन के कोरे स्लेट पर , मिलते लिखे जवाब ।।

पढ़ी लिखी बेटी  करे , राष्ट्र जगत  कल्याण ।
 बदलें सभी विचार तब  ,  मिले दुखों से त्राण ।

पढ़ - लिखकर बेटी बने  , मात- पिता का मान ।
सफल रही हर क्षेत्र में  , सभी काम आसान  ।

मलयज की पावन महक  , मधुबन की है शान ।
बेटी पढ़ -लिख कर बनी , दो घर का अभिमान ।

दीपक के उजियार से, अँधियारा हो दूर ।
पढ़-लिख बेटी हो सफल , प्रियजन करें गुरूर ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़




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