Sunday, 19 July 2020

दोहे ( बेटी )

बेटी से रौनक  बढ़े , मिले मान - सम्मान ।
उन्नति की सीढ़ी चढ़े , वह मेरा अभिमान ।।

बेटी है यह जानकर , दिया कोख में मार ।
कन्या - पूजन के समय , ढूँढे यह संसार ।।



स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़


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