Friday, 3 July 2020

नेह की डोर

 मन में अपने विश्वास रखना ,
पत्थर में भी  फूल खिलेंगे ।
नेह की डोर थामे रखना ,
प्रियजन तुझे जरूर मिलेंगे ।।

राह के काँटे चुन लेना ,
साथी तेरे साथ चलेंगे ।
दामन अपना पाक रखना ,
लांछन के छीटें न उड़ेंगे ।।

उपवन से फूल ले लेना ,
घर आँगन महकाते रहेंगे ।
नदियों से तुम नीर लेना ,
जीवन सरस बनाते रहेंगे ।।

तारों से मुस्कान ले लेना ,
खुशियों का उजास भर देंगे ।
निर्झर सा निश्छल हो जाना ,
जीवन पथ पावन कर देंगे ।।

स्वरचित - डॉ. दीक्षा चौबे
दुर्ग , छत्तीसगढ़





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